रक्षा बंधन मानाने के पीछे खतरनाक रहस्य आखिर क्यों मानते है रक्षा बंधन l रक्षा बंधन हिन्दूओ का सभी त्योहारों में से ये भी एक है l जो की बहुत महत्वपूर्ण है l तथा इस त्यौहार को हिन्दू लोग बहुत ही धूम धाम से मानते है l यह त्यौहार भाई और बहन के बीच मनाया जाता है l तथा इस त्यौहार को हिंदू लोग सदियों से मानते आ रहे है l तथा यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त महीने में पड़ता है। उस दिन बहन अपने भाई तथा चचेरे भाई तथा जो भी उनके भाई है l तथा जिन – जिन लोगो को वह भाई की तरह मानती है l उनके कलाई पर राखी बांध कर मनाई जाती है l तथा इस त्योहर को लोग राखी के त्यौहार से भी जानते है l तथा यह त्यौहार भारतीय सस्कृत को प्रगट करती है l तथा इस त्यौहार में आपको भाई और बहन के बीच अटूट प्रेम तथा विश्वास देखने को मिलेगा l इस त्यौहार में भाई अपने बहन को गिफ्ट देता है l साथ ही उसकी सुरक्षा की वचन देता है l
रक्षा बंधन मानाने के पीछे खतरनाक रहस्य आखिर क्यों मानते है रक्षा बंधन l
पहले हम शुरुआत करेंगे l कि रक्षाबंधन का मतलब क्या होता है l और उसकी शुरुआत कैसे हुई रक्षाबंधन का मतलब होता है l रक्षा करने के लिए वचनबद्ध होना या रक्षा करने के लिए बंधन में बन्ध जाना l इस त्यौहार को भाई बहन की प्रेम और सद्भाव के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है l इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधती है l इसके बदले में भाई बहन को भेट देता है एवं सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देता है l और यह त्यौहार किन – किन धर्म में मनाया जाता है l पौराणिक कथाओं के अनुसार रक्षाबंधन से जुड़ी एक सुंदर घटना का उल्लेख महाभारत है सुंदर इसलिए क्योंकि यह घटना दर्शाती है l कि भाई बहन के स्नेह के लिए उनका के लिए उनका सागा होना जरूरी नहीं है l कथा यह है l की जब युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ ने राजसूय यज्ञ कर रहे थे lउस समय सभा में शिशु पाल भी मौजूद था l उस समय शिशु पाल ने भगवान श्री कृष्ण का अपमान किया lतो श्री कृष्ण ने अपने सुदशर्न चक्र से उनका वध कर दिया l लौटते हुए सुदर्शन चक्र से भगवान श्री कृष्ण की अंगुली थोड़ी सी कट गई l और रक्त बहने लगा यह देख द्रौपती आगे आई और उन्होंने अपने साडी का पल्लू फाड़कर भगवान श्री कृष्ण की अंगुली पर लपेट दिया l तथा उसी समय भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपती को वचन दिया की मै एक एक धागे का ऋण चुकाऊंगा l
कुछ वर्षो उपरांत जब कौरवों ने द्रौपती का चिरहरन करने का प्रयास किया, तो श्री कृष्ण ने चिर को बढ़ाकर द्रोपती के चिर की लाज रखी कहते है l जिस दिन द्रोपती ने भगवान श्री कृष्ण की अंगुली पर चिर बाँधी थी l उस दिन सावन पूर्णिमा का दिन था l और तभी से सभी बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा बांधने लगे तभी से रक्षा बंधन का त्यौहार शुरू हुआ l रक्षा बंधन का त्यौहार जैन धर्म में भी मनाया जाता है l जैन धर्म की मान्यताओं में रक्षाबंधन की कथा कुछ अलग है l इस कथा में 700 मुनियो की रक्षा एक मुनि द्वारा की गई रक्षा पर आधारित है l तथा इस त्यौहार को दूसरे देश में किस नाम से जानते है l भारत के पश्चिमी भाग में रक्षाबंधन त्यौहार को नारियल पूर्णिमा के नाम से जानते है l समुद्री क्षेत्रो में रहने वाले लोग इस दिन इन्द्र और वरुण देव की पूजा करते है l मछुआरे भी मछली पकड़ने की शुरुआत इसी दिन से करते है l इस दिन समुद्र में नारियल फेके जाते है l इसलिय फेकते है l की भागवन हमलोगो की रक्षा करें l दक्षिण भारत में रक्षाबंधन त्योहार को अवित्तम के नाम से जानते है l इस दिन जनेऊ को बदला जाता है l इसे श्रावणी या ऋषि तपर्ण भी कहते है l
ग्रंथो के अनुसार रक्षाबंधन के दिन जनेऊ बदलने से उनकी मानना है l की भगवान उनकी रक्षा करेंगे l उत्तर भारत में रक्षाबंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जानते है l उस दिन खेत में गेहूं तथा अन्य आनाज को बिछाया जाता है l किसान लोग माता दुर्गा से अच्छी फसल की कामना करते है l गुजरात में रक्षाबंधन को पवित्रो पत्रा भी कहते है l उस दिन लोग रुई को पंचांग मे भिगोकर शिवलिंग के चारो ओर बांध देते है l हलांकि वहाँ पर भी बहने अपने भाई के राखी बांधती है l अंचल क्षेत्रो में रक्षाबंधन के दिन फ़सलों को समर्पित होता है l उस दिन लोग भागवन पर अनाज अर्पण करते है l और भगवान से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करते है l
रक्षाबंधन का त्योहार यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान, आदि देशों के कई हिस्सा में मनाया जाता है l क्योंकि बहुत सारे भारतीय नागरिक काम के तलाश में दूसरे देशों में जाते हैं l ऐसे में इन देशों में भी भारतीय त्योहार को मनाया जाता है l तथा धीरे-धीरे यहाँ के भी लोग इस त्यौहार को मानने लगे l भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है l भारत के अलावा दुनिया में एकमात्र देश नेपाल हिंदू कंट्री है l इसलिए यहां पर प्राचीन काल से ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने का परंपरा चला रहा है l नेपाल में रक्षाबंधन पर लोग सबसे पहले भगवान को राखी बांधते हैं l फिर दिन का शुरुआत करते हैं l फिर भारतीय परंपरा के अनुसार राखी का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं l
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